12वीं के बाद करिअरमेडिकल करिअर

NEET के बिना 12 वीं के बाद मेडिकल कोर्स कौनसे है?

NEET के बिना 12 वीं के बाद मेडिकल कोर्स?

भारत में सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटलों को मिलाकर कुल संख्या 70,000 से अधिक है; इसमें छोटे क्लीनिक और नर्सिंग होम शामिल नहीं है। अभी भी भारत की आबादी के हिसाब से अस्पताल की संख्या काफी कम है जिसके कारण इस फील्ड में आने वाले समय में काफी स्कोप है। एमबीबीएस, BDS जैसे कोर्स के अलावा भी बहुत सारे 12वीं के बाद मेडिकल लाइन कोर्स है जो इस क्षेत्र में काम करने के लिए योग्य बनाते हैं।

मेडिकल फील्ड में करियर

नीट यानी नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट यह एक नेशनल लेवल एंट्रेंस एग्जाम है जोकि मेडिकल के क्षेत्र में अंडरग्रैजुएट कोर्स में एडमिशन लेने के लिए होता है । जो बच्चे आगे चलकर MBBS, BDS डॉक्टर बनना चाहते हैं वह इस एग्जाम को देते हैं। इस एग्जाम के जरिए आप भारत के टॉप मेडिकल इंस्टीट्यूट से मेडिकल पढ़ाई पूरी कर सकते हैं। अगर आपने भी 12वीं कक्षा मेडिकल की फील्ड से पास कर ली है यानी पीसीबी से पास की है और जानना चाहते हैं कि वह कौन बीएससी मेडिकल कोर्स है जो बिना neet के कर सकते हैं 10 best BSc course in Medical without Neet

बहुत सारे बच्चे 12वीं कक्षा पास करने के बाद मेडिकल फील्ड में करियर बनाने के लिए नीट एग्जाम देते हैं। लेकिन ज्यादा प्रतिस्पर्धा और कम सीट होने के कारण बहुत सारे बच्चे नीट एग्जाम पास नहीं कर पाते। तो ऐसे में वह अन्य कोर्स के बारे में सोचते हैं। तो आज हम बताएंगे ऐसे बीएससी मेडिकल कोर्स जिनमें आप बिना नीट के एडमिशन ले सकते हैं। (NEET के बिना 12 वीं के बाद मेडिकल कोर्स)

बीफार्मा

बैचलर इन फार्मेसी 4 साल की फार्मेसी अंडरग्रैजुएट डिग्री होती है इसको करने के बाद आप मेडिकल्स की विभिन्न जॉब के लिए योग्य हो जाते हैं। किसी बीमारी के लिए खोजी हुई दवाइयों पर रिसर्च और बनाने का काम फार्मासिस्ट का होता है। बीफार्मा कोर्स के अंतर्गत विभिन्न दवाइयों के साइड इफेक्ट को जानना और बनाने हेतु सिखाया जाता है। इस कोर्स करने के बाद छात्र मुख्य तौर पर फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री, दवाइयों की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में काम कर सकते हैं। इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए कुछ मुख्य एंट्रेंस एग्जाम आयोजित होते हैं: BHU बीफार्मा एंट्रेंस टेस्ट, MHETCET, GPAT फार्मेसी एंट्रेंस टेस्ट, WEBJEE एंट्रेंस टेस्ट, BITSAT

बीफार्मा सब्जेक्ट्स में आते है: बायोकेमेस्ट्री, फार्मास्यूटिकल बायोटेक्नोलॉजी, फार्मास्यूटिकल बॉयोस्टैटिसटिक्स। इस कोर्स को करने के बाद फार्मास्यूटिकल कंपनीज में शुरुआती सैलरी ₹10,000 से ₹20,000 प्रतिमाह तक हो सकती है। । साथ ही B.Pharma करने के बाद आप इसमें मास्टर यानी एमफार्मा भी कर सकते हैं। बीफार्मा करने के लिए है कुछ बेहतरीन कॉलेज हैं:

  • यूनिवर्सिटी ऑफ़ फार्मास्यूटिकल साइंस चंडीगढ़
  • मणिपाल कॉलेज ऑफ़ फार्मास्यूटिकल साइंसेज मणिपाल
  • इंस्टिट्यूट ऑफ़ केमिकल टेक्नोलॉजी मुंबई
  • इंटीग्रल यूनिवर्सिटी लखनऊ
  • लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी जालंधर
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी वाराणसी
  • अमृता स्कूल ऑफ़ फार्मेसी कोची
  • बॉम्बे कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी मुंबई

12वीं के बाद उच्च सैलरी वाले मेडिकल कोर्स

NEET के बिना 12वीं के बाद वह मेडिकल कोर्स जिनको करने के बाद आप प्राइवेट इंडस्ट्रीज में अच्छे पदों पर नौकरी कर सकते हैं। यह कोर्स करने के बाद मिलने वाले सैलरी पैकेज काफी अच्छे होते हैं जो कि शुरुआती तौर पर ₹4 से ₹8 लाख प्रति वर्ष तक हो सकते हैं।

बीएससी क्लिनिकल रिसर्च

इस कोर्स में किसी दवाई की गुणवत्ता, संरचना और सुरक्षा को भी पढ़ा जाता है। कोरोनावायरस जैसी बीमारियां आने के बाद इस फील्ड में विभिन्न नए करियर विकल्प विकसित हुए है। जब भी कोई व्यक्ति बीमार होता है तो उसके अंदर अलग तरह की माइक्रोबायोलॉजिकल रिएक्शन होने लगती है और इन रिएक्शन को समझने का काम क्लिनिकल रिसर्च का होता है। कोई बीमारी क्यों हुई, कैसे हुई और वह शरीर को कैसे प्रभावित कर रही है यह सब क्लिनिकल रिसर्च में आता है। BSc in Clinical Research करने के लिए कुछ बेस्ट कॉलेज है:

  • जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी न्यू दिल्ली
  • गलकोटिया यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा
  • जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी जयपुर
  • सिटी यूनिवर्सिटी लुधियाना
  • RIMT यूनिवर्सिटी ऑफ़ स्कूल ऑफ़ हेल्थ साइंसेज गोबिंदगढ़
  • ICRI (मुंबई, देहरादून)
  • DY पाटील यूनिवर्सिटी पुणे
  • श्री रामचंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ़ हाईयर एजूकेशन एंड रिसर्च चेन्नई

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बीएससी एनाटॉमी

इस कोर्स के दौरान मनुष्य और जानवरों की शारीरिक संरचना जिसमें कोशिकाएं, अंग, जेनेटिक्स की पढ़ाई की जाती है।एनाटॉमी भी आगे दो स्पेशलाइजेशन में बँटी हुई है: ग्रॉस एनाटॉमी (बड़े अंगों की) और माइक्रोस्कोपिक एनाटॉमी (छोटे अंगों की)।

यह 3 साल का अंडर ग्रैजुएट कोर्स है। इस कोर्स की फीस ₹40 हजार से ₹1.5 लाख प्रतिवर्ष तक हो सकती है। इसमें आपको नई टेक्नोलॉजी जैसे: अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, सोनोग्राफी के बारे में बताया जाएगा। अगर सैलरी की बात करी तो थी इसकी शुरुआती सैलरी ₹2 लाख से ₹5 लाख प्रतिवर्ष तक हो सकती है। BSc in medical ( anatomy ) के लिए टॉप कॉलेज है:

  • जैन यूनिवर्सिटी चंडीगढ़
  • रामा यूनिवर्सिटी
  • बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज
  • कलिंगा यूनिवर्सिटी

बीएससी मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी

यह 3 साल का अंडर ग्रैजुएट कोर्स होता है जोकि 6 सेमेस्टर में होता है। अगर आपने 12th पीसीएम या पीसीबी से की है तब आप इस कोर्स के लिए योग्य हैं। अगर फीस की बात करें तो सरकारी इंस्टिट्यूट में 20 हजार से लेकर 50 हजार प्रतिवर्ष तक हो सकती है। वहीं अगर प्राइवेट इंस्टिट्यूट की बात करें तो यह ₹1 लाख से लेकर ₹2 लाख प्रतिवर्ष तक हो सकती है। BSc in medical microbiology के लिए बेस्ट कॉलेज है:

  • प्रेसीडेंसी कॉलेज चेन्नई
  • मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज
  • पारुल यूनिवर्सिटी वडोदरा
  • फरयूजन कॉलेज पुणे
  • सेंट जेवियर कॉलेज कोलकाता
  • रमैया कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स बैंगलोर
  • माउंट कार्मल कॉलेज बैंगलोर
  • गार्गी कॉलेज न्यू दिल्ली
  • सिंबोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी पुणे
  • डॉल्फिन पीजी इंस्टीट्यूट आफ बायोमेडिकल नेचुरल साइंसेज देहरादून उत्तराखंड

बीएससी माइक्रोबायोलॉजी करने के बाद आप एमएससी इन माइक्रोबायोलॉजी कर सकते हैं। इसके बाद आप पीएचडी में एडमिशन ले सकते हैं। यह करने के बाद बायोमेडिकल साइंटिस्ट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, मेडिकल रिसर्चर, साइंस कंटेंट राइटर, प्रोफेसर के पद के पर जॉब कर सकते हैं। अगर सैलरी की बात करें तो यह है ₹3 लाख से लेकर ₹8 लाख प्रतिवर्ष तक हो सकती है। माइक्रोबायोलॉजी फील्ड के बाद नौकरी के क्षेत्र हैं: बायोटेक्नोलॉजी कंपनीज, कॉलेज एंड यूनिवर्सिटीज, एनवायरमेंटल ऑर्गेनाइजेशंस, फॉरेंसिक लैबोरेट्री, रिसर्च लैबोरेट्रीज, फार्मास्यूटिकल कंपनी।

बीएससी नर्सिंग

यह 4 साल का फुल टाइम अंडरग्रैजुएट कोर्स होता है जो कि 8 सेमेस्टर में होता है। अगर आपने 12वीं कक्षा पीसीबी के साथ 55% अंकों के साथ पास कर ली है तो आप इस कोर्स के लिए योग्य हैं। हर हॉस्पिटल में नर्सिंग कैंडिडेट की मांग रहती है। इस कोर्स को करने के बाद नर्स बनते हैं। नर्स बनकर आपको मरीजों की देखभाल करना, डॉक्टर के कार्यों में सहयोग करना, प्रशासनिक जिम्मेदारियां को संभालना होता है। नीट के बिना मेडिकल लाइन में सबसे अच्छा कोर्स बीएससी नर्सिंग है। बीएससी नर्सिंग के लिए लोकप्रिय एंट्रेंस एग्जाम है: JIPMER, BHUCET, AIIMS नर्सिंग एग्जाम। यह कुछ बेहतरीन कॉलेज है:

  • पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल एजुकेशन रिसर्च चंडीगढ़
  • क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर
  • बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी वाराणसी
  • गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्था यूनिवर्सिटी
  • जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ़ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च पांडिचेरी
  • मद्रास मेडिकल कॉलेज चेन्नई
  • गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज नागपुर
  • भारतीय विद्यापीठ डीम्ड यूनिवर्सिटी पुणे
  • निम्स यूनिवर्सिटी

अगर फीस की बात करें तो यह ₹20 हजार से लेकर ₹1.5 लाख प्रतिवर्ष तक हो सकती है। अगर शुरुआती सैलरी देखे तो यह ₹3 लाख से लेकर ₹8 लाख प्रतिवर्ष तक हो सकती है। बीएससी नर्सिंग के बाद आप एमएससी नर्सिंग, MPHIL और पीएचडी कर सकते हैं।

बैचलर ऑफ पब्लिक हेल्थ

बैचलर ऑफ पब्लिक हेल्थ केयर 4 साल का अंडरग्रैजुएट कोर्स है। इसमें थियोरेटिकल, प्रैक्टिकल्स और इंटर्नशिप भी शामिल रहते है। अगर आप सामाजिक कार्य के तरफ रुचि रखते हैं तब आप बैचलर इन पब्लिक हेल्थ कोर्स कर सकते हैं। इस कोर्स को करने के बाद आप केयर हेल्थ सेंटर, न्यूट्रिशन कंसलटेंट, पब्लिक केयर ऑर्गेनाइजेशंस में काम कर सकते हैं। इस कोर्स की फीस की बात करें तो यह 1 लाख प्रतिवर्ष तक हो सकती है। वहीं अगर सैलरी की बात करें तो यह ₹3 लाख से लेकर ₹5 लाख प्रतिवर्ष तक हो सकती है।

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नीट के बिना 12वीं के बाद आयुर्वेदिक कोर्स

बीफार्मा आयुर्वेद: इस कोर्स में मुख्य तौर पर आयुर्वेद फील्ड से जुड़ी हुए फार्मेसी के विषयों को पढ़ाया जाता है; जिसमें कुछ मुख्य विषय हैं रसाशास्त्र, संस्कृति, आयुर्वैदिक ड्रग्स, फार्मास्यूटिकल एनालिसिस आफ आयुर्वैदिक ड्रग, फार्मोकोलॉजिकल और टॉक्सिकोलॉजी आफ आयुर्वैदि ड्रग, द्रव्यगुणा इत्यादि। बीफार्मा आयुर्वेद लोकप्रिय एंट्रेंस एग्जाम है: BHU आयुर्वैदिक फॉर फार्मेसी टेस्ट। इस कोर्स के लिए प्रमुख कॉलेज हैं: बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी जिसकी फीस ₹48,000 प्रतिवर्ष है।

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NEET के बिना 12वीं के बाद बीएससी कोर्स

बीएससी इन मेडिकल रिकॉर्ड साइंस: यह 3 साल का अंडरग्रैजुएट कोर्स होता है जोकि 6 सेमेस्टर में होता है। इसमें जो हॉस्पिटल्स के रिकॉर्ड होते हैं या फाइल होती है उसको कैसे अच्छे से मैनेज किया जाता है इसके बारे में सिखाया जाता है। इस कोर्स की फीस ₹20 हजार से लेकर ₹50 हजार प्रतिवर्ष तक होती है। वहीं अगर इसकी सैलरी की बात करें तो शुरुआती सैलरी ₹3 लाख प्रतिवर्ष तक मिल सकती है। इस कोर्स करने के बाद आप Medanta, Apolo, Fortis हॉस्पिटल्स में जॉब पा सकते हैं।

बीएससी इन फिजियोलॉजी: बीएससी फिजियोलॉजी 3 साल का फुल टाइम अंडरग्रैजुएट कोर्स होता है। इसमें आप शरीर की रचना और विभिन्न अंगों के बारे में पढ़ते हैं। इसको करने के बाद आप फिजियोलॉजिस्ट बनते हैं। अगर फीस की बात करें तो यह ₹30 हजार से लेकर ₹1.5 लाख प्रतिवर्ष तक हो सकती है। वहीं अगर सैलरी की बात करें तो आपकी शुरुआती सैलरी ₹20 हजार प्रतिमाह से शुरू होकर हो सकती है।

बैचलर इन फिजिशियन अस्सिटेंट ट्रेंनिंग: यह 3 साल का अंडरग्रैजुएट कोर्स होता है। फिजिशियन असिस्टेंट बनकर आपको सीनियर डॉक्टर के अंतर्गत काम करना होता है और उनके कार्यों में सहायता प्रदान करनी होती है। जब भी कोई पेशेंट हॉस्पिटल में आता है तो उसका खून की जांच , बीपी चेक करना यह सब असिस्टेंट फिजिशियन द्वारा किया जाता है। इस कोर्स की फीस 50 हजार से लेकर 1 लाख प्रतिवर्ष तक हो सकती है। शुरुआती सैलरी 3 लाख प्रतिवर्ष से शुरू हो सकती है।

बीएससी इन फिजियोथैरेपी: बैचलर ऑफ साइंस इन फिजियोथैरेपी 3 साल का अंडरग्रैजुएट कोर्स है जोकि 6 सेमेस्टर में होता है। फिजियोथैरेपी में सिखाया जाता है कि शरीर में आए विभिन्न दर्दों को मालिश और विभिन्न वैज्ञानिक तरीकों से कैसे ठीक किया जाता है।इस कोर्स की फीस ₹25 हजार से लेकर ₹75 हजार प्रतिवर्ष तक होती है। फिजियोथैरेपी कोर्स के बाद आप हॉस्पिटल, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, लैबोरेट्रीज, फिजियोथैरेपिस्ट रिसर्च, होम केयर फिजियोथैरेपी, स्पोर्ट्स फिजियोथैरेपिस्ट के पद पर जॉब पा सकते हैं। अगर शुरुआती सैलरी की बात करें तो यह ₹2 लाख से लेकर ₹4 लाख प्रतिवर्ष तक हो सकती है।

बीबीए इन हेल्थकेयर मैनेजमेंट

अगर 12वीं कक्षा साइंस की फील्ड से पास नहीं है फिर भी आप इस कोर्स के माध्यम से हेल्थ केयर सेक्टर में मैनेजमेंट के पदों पर काम कर सकते हैं। किसी भी अस्पताल के डॉक्टर, नर्स, उपकरण, मरीज और वित्तीय संसाधनों को मैनेज करना मुख्य काम में से एक है; जिसके लिए बीबीए ग्रेजुएट उपयुक्त साबित हो सकते हैं। क्योंकि बीबीए इन हेल्थकेयर मैनेजमेंट कोर्स के दौरान अस्पताल के कर्मचारी, बायोमेडिकल वेस्ट, मेडिकल उपकरण को मैनेज करना सिखाया जाता है।

यह 3 साल का अंडरग्रैजुएट कोर्स है जो की साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स के विद्यार्थी कर सकते हैं। बीबीए के पाठ्यक्रम में अस्पताल से जुड़े फाइनेंस, अकाउंटिंग, एचआर मैनेजमेंट, इंश्योरेंस, क्लीनिकल मैनेजमेंट, एथिक्स एंड इश्यू, क्वालिटी इंप्रूवमेंट, बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट जैसे सब्जेक्ट्स को पढ़ाया जाता है । इस कोर्स को करने के बाद शुरुआती तौर पर किसी निजी या सरकारी अस्पताल में मैनेजमेंट ट्रेनी, हेल्थकेयर एनालिस्ट के रूप में काम कर सकते हैं जिसमें शुरुआती तौर पर ₹15,000 से ₹25,000 प्रतिमाह की सैलरी प्राप्त कर सकते हैं।

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