भारत में टीचर की संख्या 2021 और 2022 के बीच 2% से गिरी है। लेकिन नए स्कूलों की संख्या बड़ी है। ऐसे में टीचिंग की फील्ड में जॉब के नई अवसर खुल सकते हैं। ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षा के बाद विद्यार्थियों के बीच टीचिंग फील्ड जॉब्स काफी लोकप्रिय है। भारत के इतिहास में कुछ प्रमुख टीचर गौतम बुद्ध, डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम, रविंद्रनाथ टैगोर जैसे महान व्यक्ति शामिल है। 12वीं कक्षा पास करने के बाद बहुत सारे छात्र टीचिंग की फील्ड में कैरियर बनाना चाहते हैं। आज के इस लेख में हम प्रमुख रूप से जानेंगे कि टीचर बनने के लिए 12वीं के बाद क्या करें?( सरकारी टीचर बनने के लिए 12वीं के बाद क्या करें)
टीचिंग क्या होती है?
टीचिंग के माध्यम से हम अपनी जानकारी, स्किल, कौशल को दूसरे व्यक्तियों को देते हैं। टीचिंग विभिन्न क्षेत्रों में हो सकती है, जैसे: स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, ट्रेनिंग सेंटर और इनफॉरमेशन लर्निंग एनवायरनमेंट। लेकिन इसकी शुरुआत आपको 12वीं कक्षा के बाद करनी होगी जो कि इस प्रकार है।
टीचर बनने के लिए 12वीं के बाद क्या करें- रोडमैप
किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं और 12वीं कक्षा पास करें। 12वीं कक्षा आप अपने मनपसंद सब्जेक्ट के माध्यम से कर सकते हैं चाहे आर्ट्स कॉमर्स या साइंस। इसमें कोई भी न्यूनतम अंक की आवश्यकता नहीं है।
12वीं से ही हर एक सब्जेक्ट को गहराई से पढ़ना शुरू कर दे; क्योंकि यह टीचिंग फील्ड में काफी सहायक होगा। और साथ ही अपने दोस्तों को सब्जेक्ट से जुड़े विभिन्न विषयों को समझाना शुरू करें और टीचिंग कुशल को बढ़ाएं।
टीचर बनने के लिए 12वीं के बाद कोर्स
आप जिस भी फील्ड में टीचिंग जॉब करना चाहते हैं; उस फील्ड के समानांतर अंडरग्रैजुएट (स्नातक) डिग्री प्राप्त करें। प्रमुख अंडरग्रैजुएट डिग्री है बीए, बीकॉम, बीएससी, बीबीए, बीटेक और एमबीबीएस (5.5 साल) । यह सभी अंडरग्रैजुएट डिग्री 3 से 4 साल की होती है।
B.Ed कोर्स
किसी विशेष सब्जेक्ट से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त करने के बाद ” बैचलर आफ एजुकेशन ” करें जो की 2 साल का कोर्स होता है। टीचिंग की फील्ड में जाने के लिए यह कोर्स काफी आवश्यक माना जाता है। इस कोर्स में मुख्य टीचिंग से संबंधित विषय को पढ़ाया जाता है जैसे बच्चों को पढ़ना, स्ट्रेटजी बनाना और अध्यापक एंव बच्चे के बीच में शिक्षा के आन-प्रधान को सरल बनाना।
इसके अलावा भी अन्य कोर्स है जैसे BTC, D.el.ed। डेलेड कोर्स करने के बाद प्राइमरी स्कूल के बच्चों को पढ़ सकेंगे। वहीं B.Ed कोर्स करने के बाद इंटर कॉलेज में भी पढ़ सकते हैं।
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टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) दें:
टेट एग्जाम दो तरह का होता है: सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (CTET) और स्टेट टेट। सीटेट एग्जाम मुख्य तौर पर केंद्रीय शिक्षाक बनने के लिए दिया जाता है। वहीं हर एक राज्य का अपना टेट होता है जो उस विशेष राज्य के सरकारी टीचर की भर्ती के लिए करवाया जाता है। सीटेट पास करने के बाद आप पूरे भारत में कहीं भी सरकारी टीचर के लिए आवेदन कर सकते हैं। वहीं स्टेट टेट के माध्यम से उसी राज्य में ही आवेदन कर सकते हैं।
टीचर बनने के लिए मास्टर कोर्स
किसी विशेष विषय में अधिक जानकारी लेने के लिए ग्रेजुएशन के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स कर सकते हैं। जैसे एमएससी, एमए, M.Com, m.tech, एमबीए इत्यादि। यह मास्टर कोर्स 2 साल के होते हैं। मास्टर लेवल कोर्स करने के बाद प्राइवेट कॉलेजेस में भी टीचिंग शुरू कर सकते हैं।
अगर ग्रेजुएशन के बाद B.Ed करते हैं तो आप टीजीटी टीचर बनते हैं यानी कि कक्षा दसवीं तक के विद्यार्थियों को पढ़ा सकते हैं। वहीं अगर पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद B.Ed करते हैं तो कक्षा 12वीं तक के छात्रों को पढ़ा सकते है।
ट्यूशन टीचर बनने के लिए 12वीं के बाद क्या करें?
अगर कक्षा दसवीं तक के हर एक सब्जेक्ट में गहरी जानकारी रखते हैं तो आप ट्यूशन टीचर के रूप में करियर शुरू कर सकते हैं। इसमें आप अपने गांव या घर पर ही रहकर कक्षा दसवीं तक के छात्रों को ट्यूशन प्रदान कर सकते हैं। साथ ही अपनी ग्रेजुएशन को शुरू कर सकते हैं। जिस विशेष सब्जेक्ट में ट्यूशन देना चाहते हैं उसका आनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स करके अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
कमर्स टीचर बनने के लिए 12वीं के बाद क्या करें?
दसवीं कक्षा के बाद 11वीं /12वीं कक्षा में कॉमर्स स्ट्रीम को चुने जिसमें इससे संबंधित बेसिक विषय अकाउंटिंग, बिजनेस और इकोनॉमिक्स में गहरी जानकारी प्राप्त करें। बीकॉम और बीबीए जैसे विषयों से अंडरग्रैजुएट डिग्री कम से कम 50% अंक से पूरी करें। इसके बाद B.Ed के माध्यम से कमर्स टीचर बन सकते हैं। साथ ही इस फील्ड में अधिक जानकारी लेने के लिए एमकॉम या फिर एमबीए कोर्स कर सकते हैं।
डॉक्टर का फिलासफी (पीएचडी)
अगर किसी विशेष विषय में विशेषज्ञ हासिल करके टीचिंग की फील्ड में जाना चाहते हैं। तो पीएचडी एक काफी अच्छा करियर विकल्प रहता है। यह 4 से 6 साल का डॉक्टर लेवल कोर्स होता है; जो किसी भी मास्टर कोर्स करने के बाद किया जा सकता है।
पीएचडी में एडमिशन लेने के लिए CSIR नेट एग्जाम पास करना होगा। नेट एग्जाम के माध्यम से सेंट्रल यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर सकते हैं और साथ ही असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए अप्लाई कर सकते हैं। अगर नेट के साथ JRF (जूनियर रिसर्च फैलोशिप) भी पास कर लेते हैं तो गवर्नमेंट द्वारा प्रतिमाह स्टीफन प्राप्त कर सकते हैं; जो सेंट्रल यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने में सहायक होगा।
पीएचडी पूरी करने के बाद आप पूर्ण रूप से किसी भी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के पद के लिए योग्य हो जाते हैं और साथ ही गवर्नमेंट और प्राइवेट आर्गेनाइजेशन के विभिन्न प्रोजेक्ट्स में काम कर सकते हैं। पीएचडी करने के बाद शुरुआती सैलरी ₹50,000 से ₹70,000 प्रति माह तक हो सकती है। पीएचडी विभिन्न स्पेशलाइजेशन में कर सकते हैं; जो कि आप अपने कोर्स और रुचि के अनुसार चुन सकते हैं। यह कुछ प्रमुख PhD स्पेशलाइजेशन है:
- पीएचडी इन कंप्यूटर साइंस एंड इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी
- पीएचडी इन बायोमेडिकल साइंस एंड बायोटेक्नोलॉजी
- पीएचडी इन बिजनेस मैनेजमेंट
- पीएचडी में फाइनेंस एंड इकोनॉमिक्स
- पीएचडी में पब्लिक हेल्थ
- पीएचडी इन फिजिक्स/केमिस्ट्री/ बायोलॉजी /मैथ्स
- पीएचडी इन लीगल स्टडीज
- पीएचडी इन ह्यूमैनिटीज/ म्यूजिक/ आर्ट
12वीं के बाद टीचर की सैलरी कितनी होती है?
यह आपके अनुभव, कौशल और शिक्षा पर निर्भर करती है। आमतौर पर ग्रेजुएशन प्राप्त टीचर को ₹15,000 से ₹30,000 प्रति माह की सैलरी मिल सकती है। वही पोस्ट ग्रेजुएट और उच्च शिक्षा प्राप्त टीचर को ₹30,000 से ₹60,000 प्रतिमाह तक मिल सकता है। सरकारी सीटेट टीचर की सैलरी 7 पे-सकेल के आधार पर मिलती है जिनका बेसिक पे ₹9,300 से ₹34,800 है।
पोस्ट | शुरुआती सैलरी (प्रतिमाह) |
सीटेट टीचर (केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय) | ₹43,000 से ₹66,000 |
स्टेट टेट टीचर | ₹35,000 से ₹40,000 |
ट्यूशन टीचर | ₹6,000 से ₹15,000 |
असिस्टेंट प्रोफेसर | ₹40,000 से ₹80,000 |
प्रोफेसर और लेक्चर | ₹60,000 से ₹1.5 लाख |