12वीं के बाद करिअरमेडिकल करिअर

12वीं के बाद आयुर्वेदिक कोर्स- पंचकर्म आयुर्वेदिक कोर्स

12वीं के बाद आयुर्वेदिक कोर्स

भारत का आयुर्वेदिक मार्केट लगभग ₹626 बिलियन रुपए का है। जो की अनुमानित 2023 से 2028 के बीच 19% से बढ़ने वाला है; और 2028 तक यह 1800 बिलियन रुपए का हो जाएगा। विदेश में भी आयुर्वेद की बढ़ती मांग ने इस फील्ड में विभिन्न करियर विकल्पों को जन्म दिया है। इस फील्ड में सबसे ज्यादा ग्रोथ आयुष मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में देखी गई है जो की 2020 में ₹1,50 000 करोड़ से 2022 में ₹1,90,000 करोड़ हो चुकी है। अगर आप भी आयुर्वेद की फील्ड से जुड़े कोर्स करते हैं तो तो विभिन्न तरह की इंडस्ट्री में काम करने का अवसर पा सकते हैं।

आज के इस लेख में हम मुख्य तौर पर 12वीं के बाद आयुर्वेदिक कोर्स सूची के बारे में जानेंगे। और साथ ही अगर आप भारत की टॉप आयुर्वैदिक कंपनी पतंजलि आयुर्वेद, डाबर इंडिया, झंडू केयर इत्यादि में उच्च पद पर काम करना चाहते हैं तो उसका क्या रोडमैप रहेगा।

आयुर्वेद क्या है?

आयुर्वेद दो शब्दों से मिलकर बना है; आयु यानी जीवन और वेद मतलब विज्ञान। वह विज्ञान जिसके माध्यम से अपने जीवन को समझते हैं वह आयुर्वेद कहलाता है। आयुर्वेद के माध्यम से स्वस्थ व्यक्ति की रक्षा और रोगिक व्यक्ति का इलाज करना शामिल है। आयुर्वेद भारत की प्राचीन सभ्यता में इलाज करने का एक प्रमुख तरीका होता था। उदाहरण के लिए सुबह उठकर पानी पीना भी आयुर्वेद की जीवन शैली का एक हिस्सा है। चाय और सब्जियों में विभिन्न तरह के इस्तेमाल किए जाने मसाले यह सब आयुर्वेदिक औषधियां है।

आधुनिक जमाने में जैसे-जैसे लोगों ने आयुर्वेद की महत्ता को जाना इसकी मांग काफी बढ़ने लगी है। अगर आपने 12वीं कक्षा पास कर ली है और अब आयुर्वेद की फील्ड में कोर्स करना चाहते हैं तो यह बेहतरीन कोर्स आपके लिए है।

12वीं के बाद आयुर्वेदिक कोर्स सूची

जैसा कि यह एक मेडिकल कोर्स है जिसके बाद आप एक डॉक्टर कहलाते हैं। तो निश्चित रूप से आपको एमबीबीएस डिग्री प्राप्त करनी होगी। तो सबसे पहले हम उन छात्रों के बारे में बात करते हैं जिन्होंने 12वीं कक्षा मेडिकल की फील्ड (PCB) से पास की है।

12वीं के बाद आयुर्वेदिक डॉक्टर कैसे बने?

आयुर्वैदिक डॉक्टर पेड़, पौधों और जड़ी बूटियां से दवाई बनाते हैं और रोगिक का इलाज करते हैं। इन दवाइयां से शरीर पर कोई भी दुष्ट प्रभाव नहीं पड़ता है। मेडिकल छात्रों के लिए 12वीं के बाद आयुर्वेदिक डॉक्टर बनने के लिए प्रमुख कोर्स BAMS ( बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी) है। यह अकैडमिक कोर्स 4.5 साल का होता है जिसके बाद 1 साल की इंटर्नशिप होती है। इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट) एग्जाम पास करना होगा जो कि हर साल एनटीए द्वारा आयोजित किया जाता है। यह कोर्स करने के बाद छात्र सरकार द्वारा लाइसेंस प्राप्त करके मेडिकल सेवाएं प्रदान कर सकता है।

हर साल लाखों बच्चे इस एग्जाम के लिए बैठते हैं। लेकिन यह एग्जाम मुश्किल होने के कारण कुछ ही बच्चे सफल अंकों से पास होते हैं। इस एग्जाम में टॉप रैंक प्राप्त करने वाले बच्चे एमबीबीएस कोर्स कर सकते हैं। वही कम रैंक के बच्चे BAMS, बीडीएस इत्यादि कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं।

नीट एग्जाम के लिए योग्यता

  • छात्र की 12वीं कक्षा फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी सब्जेक्ट के साथ पास होनी चाहिए।
  • 12वीं कक्षा में न्यूनतम 50% अंक होने अनिवार्य हैं।
  • छात्र की न्यूनतम उम्र सीमा 17 वर्ष होनी चाहिए।

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BAMS नीट कट-ऑफ (अनुमानित):

कॉलेजजनरलओबीसीएससी / एसटी
प्राइवेट117 – 128 अंक93 – 10090- 95
सरकरी 485- 500+450 +310+

BAMS के दौरान पढ़ाई जाने वाले कुछ सब्जेक्ट है: आयुर्वेदिक फिलासफी, हिस्ट्री ऑफ़ आयुर्वेद, टॉक्सिकोलॉजी, एनाटॉमी,फिजियोलॉजी , जनरल सर्जरी और पैरा सर्जिकल टेक्निक्स, पंचकर्मा। इस कोर्स के दौरान विभिन्न स्पेशलाइजेशन और इलेक्ट्रिक सब्जेक्ट को चयन किया जा सकता है:

  • पदार्थ विज्ञान
  • शरीर रचना
  • शरीर क्रिया
  • रसा शास्त्र
  • अगद तंत्रा
  • रोग एवं विकृति
  • चक्रासंहिता
  • प्रस्तुति और स्त्री रोग
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BAMS कोर्स करने के लिए कुछ प्राइवेट कॉलेज है:

  • आचार्य देशभूषण आयुर्वैदिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल कर्नाटक
  • अलीगढ़ युनानी एंड आयुर्वैदिक मेडिकल कॉलेज उत्तर प्रदेश
  • अभिलाषी यूनिवर्सिटी हिमाचल प्रदेश
  • दादर धनवंत्री आयुर्वैदिक कॉलेज चंडीगढ़

टॉप सरकारी कॉलेज है:

  • स्टेट आयुर्वैदिक कॉलेज एंड हॉस्पिटल लखनऊ
  • गवर्नमेंट आयुर्वेद कॉलेज एंड हॉस्पिटल नागपुर
  • दयानंद आयुर्वैदिक कॉलेज हॉस्पिटल एंड फार्मेसी जालंधर
  • गवर्नमेंट आयुर्वेद कॉलेज रायपुर छत्तीसगढ़

ज्यादा प्रतिस्पर्धा होने के कारण जो बच्चे एमबीबीएस कोर्स नहीं कर पाए वह BAMS कोर्स कर सकते हैं। इसकी काउंसलिंग आयुष मंत्रालय द्वारा की जाती है जिसमें आपको नीट के स्कोर के आधार पर रजिस्टर कर कॉलेज को चुनना होता है। इसके बाद कट-ऑफ के आधार पर कॉलेज प्रदान किया जाता है। गवर्नमेंट कॉलेज में इस कोर्स की फीस ₹35,000 से ₹90,000 तक हो सकती है। प्राइवेट की बात करें तो यह एक लाख से लेकर 2 लाख प्रतिवर्ष तक हो सकती है।

नीट के बिना 12वीं के बाद आयुर्वेदिक कोर्स

नीट एग्जाम उत्तीर्ण करने के लिए न्यूनतम 50 परसेंटाइल (जनरल कैटेगरी) अंक चाहिए होते हैं। तभी आपको एक प्राइवेट या सरकारी कॉलेज में आयुर्वेदिक कोर्स करने का मौका मिलेगा। लेकिन ज्यादा प्रतिस्पर्धा होने के कारण सभी बच्चे नीट उत्तीर्ण नहीं कर पाते। तो ऐसे में यह कोर्स उन छात्रों के लिए बेहतर विकल्प है जो आयुर्वेदिक की फील्ड में कैरियर बनाना चाहते हैं। साथ ही वह बच्चे जिन्होंने 12वीं कक्षा फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथमेटिक्स से पास की है; वह भी यह कोर्स कर सकते हैं।

  • बैचलर इन आयुर्वैदिक फार्मेसी (बीफार्मा): यह 4 साल का अंडरग्रैजुएट कोर्स होता है। जो आयुर्वेदिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से पर केंद्रित होता है। जिस प्रकार BAMS कोर्स में आयुर्वेदिक सर्जरी और मेडिसिन के बारे में पढ़ाया जाता है। बी फार्मा कोर्स करके आयुर्वेदिक फार्मास्यूटिकल कंपनी और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में काम कर सकते हैं।
  • बीएससी नर्सिंग आयुर्वेद: यह 4 साल का अकैडमिक और 6 महीने इंटर्नशिप का अंडरग्रैजुएट डिग्री कोर्स होता है। इस कोर्स में विभिन्न नर्सिंग प्रक्रियाएं, एथिक्स और केयर के बारे में सिखाया जाता है।

डिप्लोमा इन आयुर्वैदिक फार्मेसी (1 साल के आयुर्वेद कोर्स)

यह कम अवधि का डिप्लोमा सर्टिफिकेट होता है जो की 1 से 2 साल का हो सकता है। इसमें प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी शामिल रहती है। शैक्षणिक योग्यता में छात्र की 12वीं कक्षा साइंस स्ट्रीम (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी) से 45% के साथ पास होनी चाहिए। सरकारी कॉलेज में एंट्रेंस एग्जाम के माध्यम से एडमिशन होता है। वहीं प्राइवेट में मेरिट बेस और डायरेक्ट एडमिशन भी हो सकता है। डी-फार्मा आयुर्वेदिक कोर्स fees ₹40,000 से ₹1 लाख तक हो सकती है।

डीफार्मा आयुर्वेदिक कोर्स करने के बाद शुरुआती सैलरी ₹10,000 से ₹15,000 प्रतिमाह तक हो सकती है। इस कोर्स के पाठ्यक्रम में इंट्रोडक्शन टू आयुर्वेद, इंट्रोडक्शन टू संस्कृत, फार्मास्यूटिकल बायोलॉजी, शरीर क्रिया विजन्म, रशास्त्र, फार्माकोजेनेसिस, फार्माकोलॉजी, इंडस्ट्रियल फार्मेसी, टॉक्सिकोलॉजी, फार्मास्यूटिकल एनालिसिस, फार्मास्यूटिकल केमेस्ट्री, फार्मास्यूटिकल इंजीनियरिंग विषय के बारे में पढ़ाया जाएगा। इस कोर्स को करने के बाद आयुर्वैदिक स्पेशलिस्ट, मार्केटिंग स्पेशलिस्ट, आयुर्वेदिक कंसलटेंट बन सकते है। यह कुछ टॉप इंस्टिट्यूट है:

  • स्टेट आयुर्वैदिक कॉलेज एंड हॉस्पिटल लखनऊ
  • गवर्नमेंट आयुर्वैदिक कॉलेज एंड हॉस्पिटल पटियाला
  • दिल्ली डिग्री कॉलेज हरियाणा
  • देशभक्त आयुर्वैदिक कॉलेज एंड हॉस्पिटल पंजाब
  • नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ साइंस एंड रिसर्च न्यू दिल्ली
  • DS इंस्टिट्यूट ऑफ़ फार्मास्यूटिकल साइंस अप
  • संजीवनी इंस्टीट्यूट ऑफ़ फार्मेसी पंजाब
  • श्री बालाजी इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल एंड पैरामेडिकल साइंस हरियाणा
  • भारत इंस्टिट्यूट ऑफ़ पैरामेडिकल टेक्नोलॉजी दिल्ली
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ आयुर्वैदिक फार्मास्यूटिकल साइंस गुजरात
  • नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ आयुर्वेद जयपुर
  • गवर्नमेंट अस्तांग आयुर्वैदिक कॉलेज इंदौर
  • गुजरात आयुर्वेद यूनिवर्सिटी जामनगर
  • श्री नारायण प्रसाद अस्वस्ति गवर्नमेंट आयुर्वैदिक कॉलेज रायपुर
  • भारतीय विद्यापीठ टिप्पणी यूनिवर्सिटी कॉलेज आफ आयुर्वेद पुणे
  • गलगोटिस यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा
  • श्री लक्ष्मी नारायण आयुर्वैदिक कॉलेज अमृतसर
  • उत्तरांचल आयुर्वैदिक कॉलेज देहरादून

डिप्लोमा इन नेचरोपैथी एंड योग साइंस

यह 2 साल का डिप्लोमा कोर्स है जिसे 12वीं कक्षा की बाद कर सकते हैं। 12वीं कक्षा किसी भी स्ट्रीम से पास कर सकते हैं। इस कोर्स की फीस ₹30,000 से ₹90,000 तक हो सकती है। टॉप कॉलेज है:

  • नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ साइंस एंड रिसर्च (NIHSR) न्यू दिल्ली
  • ओम साई पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट अंबाला
  • महात्मा ज्योति राओ फूले यूनिवर्सिटी जयपुर

इस कोर्स करने के बाद क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, ट्रेनर, योगा एरोबिक्स इंस्ट्रक्टर, योगा टीचर, आयुर्वैदिक डॉक्टर असिस्टेंट बन सकते हैं।

आयुर्वेदिक सर्टिफिकेट कोर्स

यह सर्टिफिकेट 3 महीने से 6 महीने तक के हो सकते हैं जो कि ऑनलाइन विभिन्न प्लेटफार्म के माध्यम से कर सकते हैं। आयुर्वेदिक सर्टिफिकेट करने के बाद मुख्य तौर पर योगा इंस्ट्रक्टर और ट्रेनर के रूप में काम कर सकते हैं।

पंचकर्म आयुर्वेदिक कोर्स

आयुष मंत्रालय द्वारा भी पंचकर्म टेक्निशियन के कोर्स मंत्रालय से मान्यता प्राप्त इंस्टिट्यूट में करवाए जाते है। पंचकर्म में रोगिक शरीर को आयुर्वेद और योग के माध्यम से ठीक किया जाता है। इसके केंद्र आयुर्वेद अस्पताल में होते हैं जो की सीनियर डॉक्टर के अंतर्गत काम करते हैं। इसमें पंचकर्म टेक्निशियन की भी जरूरत पड़ती है क्योंकि विभिन्न तरह की मशीनों को चलाने और दवाइयां का ध्यान रखने का काम होता है। समय-समय पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा इसका नोटिफिकेशन जारी किया जाता है।पंचकर्म आयुर्वेदिक कोर्सेस भारत में कई आयुर्वेदिक संस्थानों और कॉलेजों में प्रदान किए जाते हैं, जो आयुर्वेदिक चिकित्सा में विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। पंचकर्म आयुर्वेदिक चिकित्सा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो शरीर से विषैले तत्वों को निकालने और स्वास्थ्य को सुधारने के लिए किया जाता है। यह टॉप संस्थान है:

  • आयुर्वेद और पंचकर्म संस्थान, जयपुर
  • आयुर्वेद संस्थान, रिशिकेश
  • कोटकल आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, मैंगलोर
  • आयुर्वेदिक इंस्टीट्यूट ऑफ पंचकर्म और योग, नगरकोइल
  • श्री धन्वंतरि आयुर्वेदिक कॉलेज, उप्पला
  • आयुर्वेद और पंचकर्म संस्थान, नगपुर
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